Hindi Grammar Varnmala for REET Main Exam
हिन्दी व्याकरण वर्णमाला ज्ञान (Hindi Grammar Varnmala for REET Main Exam) : राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली रीट शिक्षक भर्ती मुख्य परीक्षा मे लेवल 1 लेवल 2 दोनों लेवल मे हिन्दी व्याकरण से संबधित प्रश्न पूछे जाएंगे । हम यहाँ पर आज हिन्दी व्याकरण के टॉपिक वर्णमाला ज्ञान का अध्ययन करेंगे । जिसमे स्वर व्यंजन, वर्णों के भेद, उच्चारण स्थान, आदि का विस्तार से अध्ययन करेंगे ।
हिन्दी व्याकरण वर्ण विचार ( Hindi Vyakaran Varna Vichar)
व्युत्पति – वि + आङ् + कृ धातु + ल्यूट प्रत्यय अर्थात बोलना, लिखना, पढ़ना ।
परिभाषा – वह शास्त्र जिसके द्वारा किसी भाषा को शुद्ध रूप से बोलना, लिखना, पढ़ना सीखा जाता है । व्याकरण की सबसे लघूत्तम इकाई ध्वनि होती है । इसके लिखित रूप को वर्ण कहते है ।
वर्ण – उस मूल ध्वनि को वर्ण कहते हैं, जिसके टुकड़े न हो सकें, जैसे- क् ख् ग् घ् आदि। इनके टुकड़े नहीं किये जा सकते। इन्हें अक्षर भी कहते हैं। मुंह से निकलने वाली वह छोटी से छोटी ध्वनि जिसके टुकड़े नहीं किये जा सकते उसे वर्ण कहते है । जैसे-अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, क्, ख् आदि।
वर्णो की संख्या –
- देवनागरी लिपि मे – 52
- लिखने के आधार पर – 55
- मूल रूप से – 52
- मुख्य रूप से – 44
- संयुक्त रूप से – 48
- संस्कृत मे – 63
वर्ण दो प्रकार के होते हैं (Hindi Grammar Varnmala for REET Main Exam)
- स्वर
- व्यञ्जन
1. स्वर (अच्) (Hindi Grammar Varnmala for REET Main Exam)
जिन वर्गों का उच्चारण करने के लिए अन्य किसी वर्ण की सहायता नहीं लेनी पड़ती, उन्हें स्वर कहते हैं। स्वरों की संख्या 13 है- अ आ इ ई उ ऊ ऋ ऋ लू ए ऐ ओ औ।
- कुल स्वर – 13
- मुख्य स्वर – 11 ( देवनागरी लिपि)
- मूल स्वर – 4
- भेद – 5
स्वर के भेद
- ह्रस्व स्वर / मूल स्वर / लघु / एकमात्रिक स्वर – अ, इ, उ, ऋ
- दीर्घ स्वर / गुरु / द्विमात्रिक स्वर – आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
- प्लुत स्वर – ॐ
- संयुक्त / संधि स्वर – ए, ऐ, ओ, औ
- अयोगवाह ध्वनि – अं, अः
- ह्रस्व स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में केवल एक मात्रा का समय लगे अर्थात् कम से कम समय लगे उसे ह्रस्व स्वर कहते हैं, जैसे- अ, इ, उ, ऋ, लु। इनकी संख्या 5 है।
- दीर्घ स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण काल में मूल स्वरों की अपेक्षा दुगुना समय, अर्थात् दो मात्राओं का समय लगता है, वे दीर्घ स्वर कहलाते हैं। जैसे – आ, ई, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ। इनकी संख्या 8 है।
- प्लुत स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वरों से भी अधिक समय लगता है वे प्लुत स्वर कहलाते हैं। इनमें तीन मात्राओं का उच्चारण काल होता है। प्लुत का ज्ञान कराने के लिए ३ का अंक स्वर के आगे लगाते हैं। जैसे-अ ३, इ ३, उ ३, ऋ ३, लु ३, ए ३, ऐ ३, ओ ३, औ ३ !
2. व्यंजन (Hindi Grammar Varn mala for REET Main Exam)
जिन वर्गों का उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है, वे व्यंजन कहलाते हैं। किसी व्यंजन का उच्चारण तभी किया जा सकता है, जब उसमें स्वर मिला हुआ हो। जिन ध्वनियों का उच्चारण करते समय फेफड़ों से निकलने वाली वायु मुख विवर या स्वर तंत्र के किसी भाग से टकरा कर घर्षण करती हुई या रुक कर बाहर निकलती है, उन्हें व्यंजन ध्वनियाँ कहते हैं। वर्णमाला में 33 व्यंजन होते हैं। जैसे-क्, ख्, ग् आदि। इनका उच्चारण स्वर लगाकर ही किया जा सकता है, जैसे क् + अ = क, ख् + अ = ख, ग् + अ = ग। स्वर रहित व्यंजन को उसके नीचे हल् ( ) चिह्न लगाकर लिखते हैं।
- कुल व्यंजन – 37
- मुख्य व्यंजन – 33
व्यंजन के भेद : –
- स्पर्श
- अंतःस्थ
- ऊष्म
- उत्क्षिप्त / प्रताड़ित
- लुंठित
- पार्श्विक
- संयुक्त
1. स्पर्श :- इन्हें पाँच वर्गों में रखा गया है और हर वर्ग में पाँच-पाँच व्यंजन हैं। हर वर्ग का नाम पहले वर्ग के अनुसार रखा गया है
जैसे :-
- कवर्ग- क् ख् ग् घ् ड़्
- चवर्ग- च् छ् ज् झ् ञ्
- टवर्ग- ट् ठ् ड् ढ् ण् (ड़् ढ्)
- तवर्ग- त् थ् द् ध् न्
- पवर्ग- प् फ् ब् भ् म्
2.अंतःस्थ :- ये निम्नलिखित चार हैं :-
- य् र् ल् व्
3. ऊष्म :- ये निम्नलिखित चार हैं :-
- श् ष् स् ह्
4. उत्क्षिप्त / प्रताड़ित – ड़, ढ़ ( नोट : प्रश्न के विकल्प मे न होने पर – ट, ठ )
5. लुंठित – र ( जीभ मे कंपन होता है । )
6. पार्श्विक – ल ( जीभ के दोनों ओर से हवा बाहर निकलती है । )
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