Sanskrit Vyakaran Sarvnaam PDF
Sanskrit Vyakaran Sarvnaam PDF ( संस्कृत व्याकरण सर्वनाम ) : दोस्तो आज इस पोस्ट मे संस्कृत व्याकरण (Sanskrit Grammar) के सर्वनाम टॉपिक का विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे । यह पोस्ट सभी शिक्षक भर्ती परीक्षा व्याख्याता (School Lecturer), द्वितीय श्रेणी अध्यापक (2nd Grade Teacher), REET 2021, RPSC, RBSE REET, School Lecturer, Sr. Teacher, TGT PGT Teacher, 3rd Grade Teacher आदि परीक्षाओ के लिए महत्त्वपूर्ण है । अगर पोस्ट पसंद आए तो अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे ।
RBSE REET 2021 : Important Links | |
---|---|
RBSE REET 2021 Notification | Click Here |
RBSE REET 2021 Syllabus | Click Here |
RBSE REET 2021 Admit Card | Click Here |
RBSE REET Question Papers | Click Here |
RBSE REET Answer Key | Click Here |
RBSE REET Study Materials | Click Here |
REET 2021 Telegram Group | Click Here |
Sanskrit Vyakaran Sarvnaam PDF ( संस्कृत व्याकरण सर्वनाम )
जिन शब्दों का प्रयोग नाम (संज्ञा) के साथ विशेषण के रूप में किया जाता है या जो नाम (संज्ञा) के स्थान पर अकेले भी आते हैं उन्हें ‘सर्वनाम’ अथवा ‘सर्वनाम विशेषण’ कहते हैं।जैसे –
- ‘वह’ बालक जाता है। = ‘सः’ बालकः गच्छति।
- ‘ये’ लड़के खेलते हैं। = ‘एते’ बालकाः क्रीडन्ति।
- ‘तुम’ ‘कौन’ हो ? = ‘त्वं’ ‘कः’ असि ?
- ‘मैं’ ‘वह’ ही लड़का हूँ। = ‘अहं’ ‘सः’ एव बालकः अस्मि।
- ‘जो’ ‘उस’ विद्यालय में था। = ‘यः’ ‘तस्मिन्’ विद्यालये आसीत्।
ऊपर के वाक्यों में वह, ये, तुम, मैं, जो आदि शब्द सर्वनाम हैं।
- इन सर्वनामों की संख्या लगभग चौंतीस है।
- सर्व (सब), उभय (दो), अन्य, तद् (वह), यद् (जो), एतद् (यह), इदम् (यह), अदस् (वह), युष्मद्(तुम), अस्मद् (मैं), भवत्(आप), किम्(क्या)।
- ध्यान रहे, युष्मद् (तुम) और अस्मद् (मैं) को छोड़कर सभी सर्वनामों के रूप तीनों लिंगों में चलते हैं।
- जिस लिंग, वचन और विभक्ति का नाम (संज्ञा) होगा उसके स्थान पर प्रयुक्त हुआ सर्वनाम भी उसी लिंग, वचन और उसी विभक्ति में रहेगा।
- भवत् (आप) को छोड़कर किसी भी सर्वनाम के रूप सम्बोधन में नहीं होते।
- संज्ञा (नाम) का उच्चारण बार बार न करना पड़े इसलिए सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है।
1. तत्/तद् (वह) पुल्लिंग शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सः | तौ | ते |
द्वितीया | तम् | तौ | तान् |
तृतीया | तेन | ताभ्याम् | तैः |
चतुर्थी | तस्मै | ताभ्याम् | तेभ्यः |
पंचमी | तस्मात् | ताभ्याम् | तेभ्यः |
षष्ठी | तस्य | तयोः | तेषाम् |
सप्तमी | तस्मिन् | तयोः | तेषु |
नोट-प्रथमा विभक्ति एकवचन को छोड़कर सभी रूपों का आधार ‘त’ अक्षर है तथा ‘सर्व’ शब्द के समान रूप हैं।
2. तत् / तद् (वह) स्त्रीलिंग शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सा | ते | ताः |
द्वितीया | ताम् | ते | ताः |
तृतीया | तया | ताभ्याम् | ताभिः |
चतुर्थी | तस्यै | ताभ्याम् | ताभ्यः |
पंचमी | तस्याः | ताभ्याम् | ताभ्यः |
षष्ठी | तस्याः | तयोः | तासाम् |
सप्तमी | तस्याम् | तयोः | तासु |
3. तत् / तद् (वह) नपुंसकलिंग रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | तत् | ते | तानि |
द्वितीया | तत् | ते | तानि |
तृतीया | तेन | ताभ्याम् | तैः |
चतुर्थी | तस्मै | ताभ्याम् | तेभ्यः |
पंचमी | तस्मात् | ताभ्याम् | तेभ्यः |
षष्ठी | तस्य | तयोः | तेषाम् |
सप्तमी | तस्मिन् | तयोः | तेषु |
नोट-‘तद्’ नपुंसकलिंग के तृतीया विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक के ये सभी रूप ‘तद्’ पुल्लिग के समान चलते हैं।
4. इदम् (य) पुल्लिंग रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | अयम् | इमौ | इमे |
द्वितीया | इमम् | इमौ | इमान् |
तृतीया | अनेन | आभ्याम् | एभिः |
चतुर्थी | अस्मै | आभ्याम् | एभ्यः |
पंचमी | अस्मात् | आभ्याम् | एभ्यः |
षष्ठी | अस्य | अनयोः | एषाम् |
सप्तमी | अस्मिन् | अनयोः | एषु |
5. इदम् (यह) स्त्रीलिंग रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | इयम् | इमे | इमाः |
द्वितीया | इमाम् | इमे | इमाः |
तृतीया | अनया | आभ्याम् | आभिः |
चतुर्थी | अस्यै | आभ्याम् | आभ्यः |
पंचमी | अस्याः | आभ्याम् | आभ्यः |
षष्ठी | अस्याः | अनयोः | आसाम् |
सप्तमी | अस्याम् | अनयोः | आसु |
नोट-शेष सभी विभक्तियों में ‘इदम्’ के ये रूप पुल्लिग ‘इदम्’ के समान ही चलेंगे।
6. इदम् (यह) नपुंसकलिंग रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | इदम् | इमे | इमानि |
द्वितीया | इदम् | इमे | इमानि |
तृतीया | अनेन | आभ्याम् | एभिः |
चतुर्थी | अस्मै | आभ्याम् | एभ्यः |
पंचमी | अस्मात् | आभ्याम् | एभ्यः |
षष्ठी | अस्य | अनयोः | एषाम् |
सप्तमी | अस्मिन् | अनयोः | एषु |
7. किम् (कौन) पुल्लिंग शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | कः | कौ | के |
द्वितीया | कम् | कौ | कान् |
तृतीया | केन | काभ्याम् | कैः |
चतुर्थी | कस्मै | काभ्याम् | केभ्यः |
पंचमी | कस्मात् | काभ्याम् | केभ्यः |
षष्ठी | कस्य | कयोः | केषाम् |
सप्तमी | कस्मिन् | कयोः | केषु |
नोट-‘किम्’ शब्द के रूपों का मूल आधार सभी लिंगों एवं विभक्तियों में ‘क’ होता है तथा इसके रूप ‘सर्व’ शब्द के समान ही चलते हैं।
8. किम् (कौन) स्त्रीलिंग शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | का | के | काः |
द्वितीया | काम् | के | काः |
तृतीया | कया | काभ्याम् | काभिः |
चतुर्थी | कस्यै | काभ्याम् | काभ्यः |
पंचमी | कस्याः | काभ्याम् | काभ्यः |
षष्ठी | कस्याः | कयोः | कासाम् |
सप्तमी | कस्याम् | कयोः | कासु |
9. किम् (कौन) नपुंसकलिंग शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | किम् | के | कानि |
द्वितीया | किम् | के | कानि |
तृतीया | केन | काभ्याम् | कैः |
चतुर्थी | कस्मै | काभ्याम् | केभ्यः |
पंचमी | कस्मात् | काभ्याम् | केभ्यः |
षष्ठी | कस्य | कयोः | केषाम् |
सप्तमी | कस्मिन् | कयोः | केषु |
नोट-‘किम्’ शब्द के नपुंसकलिंग के तृतीया विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक के सभी रूप ‘किम्’ पुल्लिंग के समान ही चलते हैं।
10. अस्मद् (मैं) शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | अहम् | आवाम् | वयम् |
द्वितीया | माम् | आवाम् | अस्मान् |
तृतीया | मया | आवाभ्याम् | अस्माभिः |
चतुर्थी | मह्यम् | आवाभ्याम् | अस्मभ्यम् |
पंचमी | मत् | आवाभ्याम् | अस्मत् |
षष्ठी | मम | आवयोः | अस्माकम् |
सप्तमी | मयि | आवयोः | अस्मासु |
नोट- अस्मद्’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में समान होते कानि हैं।
11. युष्मद् (तुम) शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | त्वम् | युवाम् | यूयम् |
द्वितीया | त्वाम् | युवाम् | युष्मान् |
तृतीया | त्वाय | युवाभ्याम् | युस्माभिः |
चतुर्थी | तुभ्यं | युवाभ्याम् | युष्मभ्यम् |
पंचमी | त्वत् | युवाभ्याम् | युष्मत् |
षष्ठी | तव | युवयोः | युष्माकम् |
सप्तमी | त्वयि | युवयोः | युष्मासु |
नोट-‘युष्मद्’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में समान होते
12. भवत् (आप-प्रथम पुरुष) पुल्लिंग रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | भवान् | भवन्तौ | भवन्तः |
द्वितीया | भवन्तम् | भवन्तौ | भवतः |
तृतीया | भवता | भवद्भ्याम् | भवदभिः |
चतुर्थी | भवते | भवद्भ्याम् | भवद्भ्यः |
पंचमी | भवतः | भवद्भ्याम् | भवद्भ्यः |
षष्ठी | भवतः | भवतोः | भवताम् |
सप्तमी | भवतिः | भवतोः | भवत्सु |
(नोट-सर्वनाम शब्दों में सम्बोधन नहीं होता है।) ‘भवत्’ के साथ सदैव प्रथम पुरुष की क्रिया प्रयोग की जाती है।
13. भवत् (आप) स्त्रीलिंग रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | भवती | भवत्यौ | भवत्सः |
द्वितीया | भवतीम् | भवत्यौ | भवतीः |
तृतीया | भवत्या | भवतीभ्याम् | भवतीभिः |
चतुर्थी | भवत्यै | भवतीभ्याम् | भवतीभ्यः |
पंचमी | भवत्याः | भवतीभ्याम् | भवतीभ्यः |
षष्ठी | भवत्याः | भवतोः | भवतीभ्यः |
सप्तमी | भवति | भवतोः | भवत्सु |
नोट- भवत्+ई =भवती के सम्पूर्ण रूप ‘नदी’ (दीर्घ ईकारान्त स्त्रीलिंग) के समान चलते हैं।
14. सर्व (सब) पुल्लिंग शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सर्व: | सर्वौ | सर्वे |
द्वितीया | सर्वम् | सर्वौ | सर्वान् |
तृतीया | सर्वेण | सर्वाभ्याम् | सर्वै: |
चतुर्थी | सर्वस्मै | सर्वाभ्याम् | सर्वेभ्य: |
पंचमी | सर्वस्मात् | सर्वाभ्याम् | सर्वेभ्य: |
षष्ठी | सर्वस्य | सर्वयो: | सर्वेषाम् |
सप्तमी | सर्वस्मिन् | सर्वयो: | सर्वेषु |
15. सर्व (सब) स्त्रीलिंग शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सर्वा | सर्वे | सर्वा: |
द्वितीया | सर्वाम् | सर्वे | सर्वा: |
तृतीया | सर्वया | सर्वाभ्याम् | सर्वाभि: |
चतुर्थी | सर्वस्यै | सर्वाभ्याम् | सर्वाभ्य: |
पंचमी | सर्वस्या: | सर्वाभ्याम् | सर्वाभ्य: |
षष्ठी | सर्वस्या: | सर्वयो: | सर्वासाम् |
सप्तमी | सर्वस्याम् | सर्वयो: | सर्वासु |
16. सर्व (सब) नपुंसकलिंग शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सर्वम् | सर्वे | सर्वाणि |
द्वितीया | सर्वम् | सर्वे | सर्वाणि |
तृतीया | सर्वेण | सर्वाभ्याम् | सर्वै: |
चतुर्थी | सर्वस्मै | सर्वाभ्याम् | सर्वेभ्य: |
पंचमी | सर्वस्मात् | सर्वाभ्याम् | सर्वेभ्य: |
षष्ठी | सर्वस्य | सर्वयो: | सर्वेषाम् |
सप्तमी | सर्वस्मिन् | सर्वयो: | सर्वेषु |
क्र.सं. | विषय-सूची | Download PDF |
1 | वर्ण विचार व उच्चारण स्थान | Click Here |
2 | संधि – विच्छेद | Click Here |
3 | समास | Click Here |
4 | कारक एवं विभक्ति | Click Here |
5 | प्रत्यय | Click Here |
6 | उपसर्ग | Click Here |
7 | शब्द रूप | Click Here |
8 | धातु रूप | Click Here |
9 | सर्वनाम | Click Here |
10 | विशेषण – विशेष्य | Click Here |
11 | संख्या ज्ञानम् | Click Here |
12 | अव्यय | Click Here |
13 | लकार | Click Here |
14 | माहेश्वर सूत्र | Click Here |
15 | समय ज्ञानम् | Click Here |
16 | विलोम शब्द | Click Here |
17 | संस्कृत सूक्तय | Click Here |
18 | छन्द | Click Here |
19 | वाच्य | Click Here |
20 | अशुद्धि संषोधन | Click Here |
21 | संस्कृत अनुवाद | Click Here |
22 | संस्कृत शिक्षण विधियां | Click Here |
23 | Download Full PDF | Click Here |
“दोस्तों यदि आपको हमारे द्वारा उपलब्ध करवाई गई पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करना ।। ये पोस्ट आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताए। ।।। धन्यवाद”