Hindi Vyakaran Vakya Vichar PDF
Hindi Vyakaran Vakya Vichar PDF ( हिन्दी व्याकरण वाक्य ) : दोस्तो आज इस पोस्ट मे हिन्दी व्याकरण (Hindi Grammar) के वाक्य टॉपिक का विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे । इसमे हम वाक्य, वाक्य के अंग, वाक्य के प्रकार, वाक्य रचना के बारे मे जानेंगे । यह पोस्ट REET 2021, Patwari Bharti 2020, Gramsevak 2021, LDC, RPSC, RBSE REET, School Lecturer, Sr. Teacher, TGT PGT Teacher, 3rd Grade Teacher आदि परीक्षाओ के लिए महत्त्वपूर्ण है । अगर पोस्ट पसंद आए तो अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे ।
RBSE REET 2021 : Important Links | |
---|---|
RBSE REET 2021 Notification | Click Here |
RBSE REET 2021 Syllabus | Click Here |
RBSE REET 2021 Admit Card | Click Here |
RBSE REET Question Papers | Click Here |
RBSE REET Answer Key | Click Here |
RBSE REET Study Materials | Click Here |
REET 2021 Telegram Group | Click Here |
हिन्दी व्याकरण वाक्य (Hindi Vyakaran Vakya Vichar )
वाक्य की परिभाषा :- एक विचार को पूर्णता से प्रकट करने वाला शब्द-समूह वाक्य कहलाता है।
जैसे :-
- श्याम दूध पी रहा है।
- मैं भागते-भागते थक गया।
- यह कितना सुंदर उपवन है।
- ओह ! आज तो गरमी के कारण प्राण निकले जा रहे हैं।
- वह मेहनत करता तो पास हो जाता।
ये सभी मुख से निकलने वाली सार्थक ध्वनियों के समूह हैं। अतः ये वाक्य हैं। वाक्य भाषा का चरम अवयव है।
वाक्य-खंड – वाक्य के प्रमुख दो खंड हैं :-
- उद्देश्य
- विधेय
1. उद्देश्य :- जिसके विषय में कुछ कहा जाता है उसे सूचकि करने वाले शब्द को उद्देश्य कहते हैं।
जैसे :-
- अर्जुन ने जयद्रथ को मारा।
- कुत्ता भौंक रहा है।
- तोता डाल पर बैठा है।
इनमें अर्जुन ने, कुत्ता, तोता उद्देश्य हैं; इनके विषय में कुछ कहा गया है। अथवा यों कह सकते हैं कि वाक्य में जो कर्ता हो उसे उद्देश्य कह सकते हैं क्योंकि किसी क्रिया को करने के कारण वही मुख्य होता है।
2. विधेय :- उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाता है, अथवा उद्देश्य (कर्ता) जो कुछ कार्य करता है वह सब विधेय कहलाता है।
जैसे :-
- अर्जुन ने जयद्रथ को मारा।
- कुत्ता भौंक रहा है।
- तोता डाल पर बैठा है।
इनमें ‘जयद्रथ को मारा’, ‘भौंक रहा है’, ‘डाल पर बैठा है’ विधेय हैं क्योंकि अर्जुन ने, कुत्ता, तोता,-इन उद्देश्यों (कर्ताओं) के कार्यों के विषय में क्रमशः मारा, भौंक रहा है, बैठा है, ये विधान किए गए हैं, अतः इन्हें विधेय कहते हैं।
उद्देश्य का विस्तार :- कई बार वाक्य में उसका परिचय देने वाले अन्य शब्द भी साथ आए होते हैं। ये अन्य शब्द उद्देश्य का विस्तार कहलाते हैं।
जैसे :-
- सुंदर पक्षी डाल पर बैठा है।
- काला साँप पेड़ के नीचे बैठा है।
- इनमें सुंदर और काला शब्द उद्देश्य का विस्तार हैं।
उद्देश्य में निम्नलिखित शब्द – भेदों का प्रयोग होता है :-
- संज्ञा- घोड़ा भागता है।
- सर्वनाम- वह जाता है।
- विशेषण- विद्वान की सर्वत्र पूजा होती है।
- क्रिया-विशेषण- (जिसका) भीतर-बाहर एक-सा हो।
- वाक्यांश- झूठ बोलना पाप है।
- वाक्य के साधारण उद्देश्य में विशेषणादि जोड़कर उसका विस्तार करते हैं।
उद्देश्य का विस्तार नीचे लिखे शब्दों के द्वारा प्रकट होता है :-
- विशेषण से :- अच्छा बालक आज्ञा का पालन करता है।
- संबंध कारक से :- दर्शकों की भीड़ ने उसे घेर लिया।
- वाक्यांश से :- काम सीखा हुआ कारीगर कठिनाई से मिलता है।
- विधेय का विस्तार :- मूल विधेय को पूर्ण करने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है वे विधेय का विस्तार कहलाते हैं।
जैसे :- वह अपने पैन से लिखता है। इसमें अपने विधेय का विस्तार है।
कर्म का विस्तार :- इसी तरह कर्म का विस्तार हो सकता है।
- जैसे-मित्र, अच्छी पुस्तकें पढ़ो। इसमें अच्छी कर्म का विस्तार है।
क्रिया का विस्तार :- इसी तरह क्रिया का भी विस्तार हो सकता है।
- जैसे-श्रेय मन लगाकर पढ़ता है। मन लगाकर क्रिया का विस्तार है।
वाक्य – भेद – रचना के अनुसार वाक्य के निम्नलिखित भेद हैं :-
- साधारण वाक्य।
- संयुक्त वाक्य।
- मिश्रित वाक्य।
1. साधारण वाक्य :- जिस वाक्य में केवल एक ही उद्देश्य (कर्ता) और एक ही समापिका क्रिया हो, वह साधारण वाक्य कहलाता है।
जैसे :-
- बच्चा दूध पीता है।
- कमल गेंद से खेलता है।
- मृदुला पुस्तक पढ़ रही हैं।
नोट:- इसमें कर्ता के साथ उसके विस्तारक विशेषण और क्रिया के साथ विस्तारक सहित कर्म एवं क्रिया-विशेषण आ सकते हैं।
जैसे :- अच्छा बच्चा मीठा दूध अच्छी तरह पीता है। यह भी साधारण वाक्य है।
2. संयुक्त वाक्य :- दो अथवा दो से अधिक साधारण वाक्य जब सामानाधिकरण समुच्चयबोधकों जैसे – (पर, किन्तु, और, या आदि) से जुड़े होते हैं, तो वे संयुक्त वाक्य कहलाते हैं। ये चार प्रकार के होते हैं।
(1) संयोजक :- जब एक साधारण वाक्य दूसरे साधारण या मिश्रित वाक्य से संयोजक अव्यय द्वारा जुड़ा होता है।
जैसे :- गीता गई और सीता आई।
(2) विभाजक :- जब साधारण अथवा मिश्र वाक्यों का परस्पर भेद या विरोध का संबंध रहता है।
जैसे :- वह मेहनत तो बहुत करता है पर फल नहीं मिलता।
(3) विकल्पसूचक :- जब दो बातों में से किसी एक को स्वीकार करना होता है।
जैसे :- या तो उसे मैं अखाड़े में पछाड़ूँगा या अखाड़े में उतरना ही छोड़ दूँगा।
(4) परिणामबोधक :- जब एक साधारण वाक्य दसूरे साधारण या मिश्रित वाक्य का परिणाम होता है।
जैसे :- आज मुझे बहुत काम है इसलिए मैं तुम्हारे पास नहीं आ सकूँगा।
3. मिश्रित वाक्य :- जब किसी विषय पर पूर्ण विचार प्रकट करने के लिए कई साधारण वाक्यों को मिलाकर एक वाक्य की रचना करनी पड़ती है तब ऐसे रचित वाक्य ही मिश्रित वाक्य कहलाते हैं।
नोट:-
इन वाक्यों में एक मुख्य या प्रधान उपवाक्य और एक अथवा अधिक आश्रित उपवाक्य होते हैं जो समुच्चयबोधक अव्यय से जुड़े होते हैं।
मुख्य उपवाक्य की पुष्टि, समर्थन, स्पष्टता अथवा विस्तार हेतु ही आश्रित वाक्य आते है।
आश्रित वाक्य तीन प्रकार के होते हैं :-
- संज्ञा उपवाक्य।
- विशेषण उपवाक्य।
- क्रिया-विशेषण उपवाक्य।
1. संज्ञा उपवाक्य :- जब आश्रित उपवाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम के स्थान पर आता है तब वह संज्ञा उपवाक्य कहलाता है।
जैसे :- वह चाहता है कि मैं यहाँ कभी न आऊँ। यहाँ कि मैं कभी न आऊँ, यह संज्ञा उपवाक्य है।
2. विशेषण उपवाक्य :- जो आश्रित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य की संज्ञा शब्द अथवा सर्वनाम शब्द की विशेषता बतलाता है वह विशेषण उपवाक्य कहलाता है।
जैसे :- जो घड़ी मेज पर रखी है वह मुझे पुरस्कारस्वरूप मिली है। यहाँ जो घड़ी मेज पर रखी है यह विशेषण उपवाक्य है।
3. क्रिया – विशेषण उपवाक्य :- जब आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बतलाता है तब वह क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहलाता है।
जैसे :- जब वह मेरे पास आया तब मैं सो रहा था। यहाँ पर जब वह मेरे पास आया यह क्रिया-विशेषण उपवाक्य है।
वाक्य – परिवर्तन :- वाक्य के अर्थ में किसी तरह का परिवर्तन किए बिना उसे एक प्रकार के वाक्य से दूसरे प्रकार के वाक्य में परिवर्तन करना वाक्य – परिवर्तन कहलाता है।
(1) साधारण वाक्यों का संयुक्त वाक्यों में परिवर्तन :-
साधारण वाक्य – संयुक्त वाक्य
1. मैं दूध पीकर सो गया। – मैंने दूध पिया और सो गया।
2. वह पढ़ने के अलावा अखबार भी बेचता है। – वह पढ़ता भी है और अखबार भी बेचता है
3. मैंने घर पहुँचकर सब बच्चों को खेलते हुए देखा। – मैंने घर पहुँचकर देखा कि सब बच्चे खेल रहे थे।
4. स्वास्थ्य ठीक न होने से मैं काशी नहीं जा सका। – मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं था इसलिए मैं काशी नहीं जा सका।
5. सवेरे तेज वर्षा होने के कारण मैं दफ्तर देर से पहुँचा। – सवेरे तेज वर्षा हो रही थी इसलिए मैं दफ्तर देर से पहुँचा।
(2) संयुक्त वाक्यों का साधारण वाक्यों में परिवर्तन :-
संयुक्त वाक्य – साधारण वाक्य
1. पिताजी अस्वस्थ हैं इसलिए मुझे जाना ही पड़ेगा। – पिताजी के अस्वस्थ होने के कारण मुझे जाना ही पड़ेगा।
2. उसने कहा और मैं मान गया। – उसके कहने से मैं मान गया।
3. वह केवल उपन्यासकार ही नहीं अपितु अच्छा वक्ता भी है। – वह उपन्यासकार के अतिरिक्त अच्छा वक्ता भी है।
4. लू चल रही थी इसलिए मैं घर से बाहर नहीं निकल सका। – लू चलने के कारण मैं घर से बाहर नहीं निकल सका।
5. गार्ड ने सीटी दी और ट्रेन चल पड़ी। – गार्ड के सीटी देने पर ट्रेन चल पड़ी।
(3) साधारण वाक्यों का मिश्रित वाक्यों में परिवर्तन :-
साधारण वाक्य – मिश्रित वाक्य
1. हरसिंगार को देखते ही मुझे गीता की याद आ जाती है। – जब मैं हरसिंगार की ओर देखता हूँ तब मुझे गीता की याद आ जाती है।
2. राष्ट्र के लिए मर मिटने वाला व्यक्ति सच्चा राष्ट्रभक्त है। – वह व्यक्ति सच्चा राष्ट्रभक्त है जो राष्ट्र के लिए मर मिटे।
3. पैसे के बिना इंसान कुछ नहीं कर सकता। – यदि इंसान के पास पैसा नहीं है तो वह कुछ नहीं कर सकता।
4. आधी रात होते-होते मैंने काम करना बंद कर दिया। – ज्योंही आधी रात हुई त्योंही मैंने काम करना बंद कर दिया।
(4) मिश्रित वाक्यों का साधारण वाक्यों में परिवर्तन :-
मिश्रित वाक्य – साधारण वाक्य
1. जो संतोषी होते हैं वे सदैव सुखी रहते हैं – संतोषी सदैव सुखी रहते हैं।
2. यदि तुम नहीं पढ़ोगे तो परीक्षा में सफल नहीं होगे। – न पढ़ने की दशा में तुम परीक्षा में सफल नहीं होगे।
3. तुम नहीं जानते कि वह कौन है ? – तुम उसे नहीं जानते।
4. जब जेबकतरे ने मुझे देखा तो वह भाग गया। – मुझे देखकर जेबकतरा भाग गया।
5. जो विद्वान है, उसका सर्वत्र आदर होता है। – विद्वानों का सर्वत्र आदर होता है।
वाक्य – विश्लेषण :- वाक्य में आए हुए शब्द अथवा वाक्य-खंडों को अलग-अलग करके उनका पारस्परिक संबंध बताना वाक्य-विश्लेषण कहलाता है।
साधारण वाक्यों का विश्लेषण
- हमारा राष्ट्र समृद्धशाली है।
- हमें नियमित रूप से विद्यालय आना चाहिए।
- अशोक, सोहन का बड़ा पुत्र, पुस्तकालय में अच्छी पुस्तकें छाँट रहा है।
उद्देश्य विधेय :- वाक्य उद्देश्य उद्देश्य का क्रिया कर्म कर्म का पूरक विधेय क्रमांक कर्ता विस्तार विस्तार का विस्तार
- राष्ट्र हमारा है – समृद्ध
- हमें – आना विद्यालय – शाली नियमित चाहिए रूप से
- अशोक सोहन का छाँट रहा पुस्तकें अच्छी पुस्तकालय बड़ा पुत्र है में
मिश्रित वाक्य का विश्लेषण :-
- जो व्यक्ति जैसा होता है वह दूसरों को भी वैसा ही समझता है।
- जब-जब धर्म की क्षति होती है तब-तब ईश्वर का अवतार होता है।
- मालूम होता है कि आज वर्षा होगी।
- जो संतोषी होत हैं वे सदैव सुखी रहते हैं।
- दार्शनिक कहते हैं कि जीवन पानी का बुलबुला है।
संयुक्त वाक्य का विश्लेषण :-
- तेज वर्षा हो रही थी इसलिए परसों मैं तुम्हारे घर नहीं आ सका।
- मैं तुम्हारी राह देखता रहा पर तुम नहीं आए।
- अपनी प्रगति करो और दूसरों का हित भी करो तथा स्वार्थ में न हिचको।
अर्थ के अनुसार वाक्य के प्रकार :- अर्थानुसार वाक्य के निम्नलिखित आठ भेद हैं :-
- विधानार्थक वाक्य।
- निषेधार्थक वाक्य।
- आज्ञार्थक वाक्य।
- प्रश्नार्थक वाक्य।
- इच्छार्थक वाक्य।
- संदेर्थक वाक्य।
- संकेतार्थक वाक्य।
- विस्मयबोधक वाक्य।
1. विधानार्थक वाक्य :- जिन वाक्यों में क्रिया के करने या होने का सामान्य कथन हो।
जैसे :- मैं कल दिल्ली जाऊँगा। पृथ्वी गोल है।
2. निषेधार्थक वाक्य :- जिस वाक्य से किसी बात के न होने का बोध हो।
जैसे :- मैं किसी से लड़ाई मोल नहीं लेना चाहता।
3. आज्ञार्थक वाक्य :- जिस वाक्य से आज्ञा उपदेश अथवा आदेश देने का बोध हो।
जैसे :- शीघ्र जाओ वरना गाड़ी छूट जाएगी। आप जा सकते हैं।
4. प्रश्नार्थक वाक्य :- जिस वाक्य में प्रश्न किया जाए।
जैसे :- वह कौन हैं उसका नाम क्या है।
5. इच्छार्थक वाक्य :- जिस वाक्य से इच्छा या आशा के भाव का बोध हो।
जैसे :- दीर्घायु हो। धनवान हो।
6. संदेहार्थक वाक्य :- जिस वाक्य से संदेह का बोध हो।
जैसे :- शायद आज वर्षा हो। अब तक पिताजी जा चुके होंगे।
7. संकेतार्थक वाक्य :– जिस वाक्य से संकेत का बोध हो।
जैसे :- यदि तुम कन्याकुमारी चलो तो मैं भी चलूँ।
8. विस्मयबोधक वाक्य :- जिस वाक्य से विस्मय के भाव प्रकट हों।
जैसे :- अहा ! कैसा सुहावना मौसम है।
Hindi Grammar and Pedagogy PDF ( हिन्दी व्याकरण एवं शिक्षण विधियाँ )
क्र.सं. | विषय-सूची | Download PDF |
1 | वर्ण विचार व वर्ण विश्लेषण | Click Here |
2 | शब्द ज्ञान (तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी) | Click Here |
3 | शब्द युग्म | Click Here |
4 | उपसर्ग | Click Here |
5 | प्रत्यय | Click Here |
6 | पर्यायवाची शब्द | Click Here |
7 | विलोम शब्द | Click Here |
8 | एकार्थी शब्द | Click Here |
9 | संधि – विच्छेद | Click Here |
10 | समास | Click Here |
11 | संज्ञा | Click Here |
12 | सर्वनाम | Click Here |
13 | विशेषण – विशेष्य | Click Here |
14 | क्रिया | Click Here |
15 | लिंग भेद | Click Here |
16 | वचन | Click Here |
17 | काल | Click Here |
18 | कारक | Click Here |
19 | अव्यय | Click Here |
20 | वाक्यांश के लिए एक शब्द | Click Here |
21 | शब्द शुद्धि | Click Here |
22 | वाक्य रचना, वाक्य के अंग व प्रकार | Click Here |
23 | विराम चिन्ह | Click Here |
24 | पदबंध | Click Here |
25 | शब्दों के मानक रूप | Click Here |
26 | शब्दार्थ | Click Here |
27 | मुहावरें | Click Here |
28 | लोकोक्तियां | Click Here |
29 | राजस्थानी शब्दो के हिन्दी रूप | Click Here |
30 | राजस्थानी मुहावरों का अर्थ व प्रयोग | Click Here |
31 | हिन्दी शिक्षण विधियां | Click Here |
32 | Download Full PDF | Click Here |